इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (माणू) ने आज मदरसों के छात्रों के लिए संचार कौशल (कम्युनिकेशन स्किल्स) पर आधारित एक विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मदरसों के छात्रों को संचार की आधुनिक दक्षता से लैस करते हुए उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ना है।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए माणू के कुलपति प्रोफेसर सैयद ऐनुल हसन ने कहा कि उर्दू विश्वविद्यालय अब उन वर्गों तक शिक्षा पहुँचाने के लिए प्रयासरत है, जो अब तक शिक्षा की यात्रा से वंचित रहे हैं। उन्होंने घोषणा की कि विश्वविद्यालय एक नया मल्टीमीडिया सेंटर भी शुरू कर रहा है, जो मदरसा छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा का प्रभावी मंच बनेगा। प्रो. ऐनुल हसन ने देशभर के मदरसों से इस अभिनव पहल का हिस्सा बनने की अपील करते हुए कहा कि इससे छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के रास्ते खुलेंगे।
शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के निदेशक डॉ. अब्दुल क़दीर ने कहा कि उर्दू माध्यम के छात्रों को सशक्त बनाने के लिए माणू की पहल क़ाबिले-तारीफ़ है। उन्होंने बताया कि उनका संस्थान माणू के साथ मिलकर अंग्रेज़ी पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहा है।
माणू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर इश्तियाक़ अहमद ने शाहीन शैक्षणिक संस्थानों की सराहना करते हुए कहा कि वे समाज के पिछड़े तबकों को उच्च और आधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराने का कार्य कर रहे हैं, जिससे वंचित समुदायों को शिक्षा के लाभ मिल सकेंगे।
कार्यक्रम के कोर्स ढांचे पर प्रकाश डालते हुए प्रोफेसर मोहम्मद रज़ा उल्लाह ख़ान, निदेशक दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा ने कहा कि यह कार्यक्रम 6 महीने का होगा और तीन चरणों में चलेगा—पहला चरण 1 महीने का, दूसरा 2 महीने का और तीसरा 3 महीने का। शुरुआती दौर में इसे शाहीन ग्रुप के सहयोग से 100 छात्रों के साथ शुरू किया जा रहा है, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित किया जाएगा।
इस मौके पर प्रोफेसर गुलफिशां हबीब, डीन स्कूल ऑफ लैंग्वेजेस ने उच्च शिक्षा और शैक्षिक विकास में अंग्रेज़ी संचार कौशल की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उद्घाटन समारोह में ‘English for Beginners’ नामक पुस्तक का विमोचन भी किया गया, जिसे प्रोफेसर मोहम्मद अब्दुल समीअ सिद्दीकी और श्रीमती इसमत फ़ातिमा ने तैयार किया है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. शेख़ वसीम, एसोसिएट प्रोफेसर ने किया।