इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) ने वक्फ (संशोधन) बिल 2025 को सख्ती से खारिज करते हुए इसके खिलाफ कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है। एसडीपीआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद शफी ने बयान जारी कर कहा कि यह बिल मुसलमानों की वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने और उनके धार्मिक एवं शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्तता समाप्त करने की साजिश है।
बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप
मोहम्मद शफी ने अपने बयान में कहा, “यह बिल कोई सुधारात्मक कदम नहीं, बल्कि मुसलमानों पर संगठित हमला है। बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बार फिर मुस्लिम समुदाय के प्रति अपनी दुश्मनी उजागर कर दी है।”
उन्होंने कहा कि “सरकार वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल कर संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन कर रही है, जिससे अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वायत्तता प्रभावित होगी। इसके अलावा, वक्फ विवादों के निपटारे का अधिकार ज़िला कलेक्टरों को देकर न्यायपालिका और वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित किया जा रहा है।”
विपक्षी दलों को धन्यवाद, समर्थन करने वालों को चेतावनी
एसडीपीआई ने उन सभी सांसदों और राजनीतिक दलों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने संसद में इस बिल का विरोध किया और बीजेपी के इरादों को उजागर किया। हालांकि, पार्टी ने उन नेताओं और दलों को कड़ी चेतावनी भी दी जो बीजेपी के साथ खड़े रहे।
“जो लोग इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, उन्हें जनता की अदालत में जवाबदेह होना पड़ेगा। इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा और उनकी गद्दारी का हिसाब लिया जाएगा,” मोहम्मद शफी ने चेतावनी दी।
बीजेपी की सांप्रदायिक राजनीति भारत के लिए खतरा
एसडीपीआई के अनुसार, बीजेपी की कट्टरपंथी राजनीति भारत के सामाजिक ढांचे को कमजोर करेगी और संवैधानिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाएगी। पार्टी ने सभी लोकतांत्रिक ताकतों, संगठनों और न्यायप्रिय नागरिकों से अपील की कि वे इस असंवैधानिक बिल के खिलाफ एकजुट हों।
एसडीपीआई ने कहा कि “हम चुप नहीं बैठेंगे। हम हार नहीं मानेंगे। यह जंग अभी शुरू हुई है!”