इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ अब 13 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। यह प्रदर्शन पहले 10 मार्च को होना था, लेकिन प्रशासन से अनुमति न मिलने के कारण इसे आगे बढ़ा दिया गया। बोर्ड का कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों पर कब्जे की साजिश है, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
AIMPLB ने मुसलमानों से रोज़ाना नमाज़-ए-क़ुनूत-ए-नाज़िला पढ़ने की अपील
AIMPLB के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी और महासचिव मौलाना मोहम्मद फज़ल रहीम मुजद्दिदी ने देशभर के मुसलमानों से रमज़ान के दौरान रोज़ाना नमाज़-ए-क़ुनूत-ए-नाज़िला पढ़ने और विशेष दुआओं का आयोजन करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि मुसलमान इस समय बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं – मस्जिदों को गिराया जा रहा है, घरों पर बुलडोज़र चलाए जा रहे हैं, वक्फ संपत्तियों पर कब्ज़ा करने की साजिशें हो रही हैं, और प्रशासन मुस्लिम विरोधी अपराधों पर आंख मूंदे बैठा है। ऐसे हालात में शरीअत ने क़ुनूत-ए-नाज़िला पढ़ने की हिदायत दी है, जिसे पैगंबर मुहम्मद ﷺ ने भी मुश्किल समय में पढ़ा था।
बोर्ड ने देशभर के मस्जिदों के इमामों, धार्मिक नेताओं और आम मुसलमानों से फजर की नमाज में रोज़ाना क़ुनूत-ए-नाज़िला पढ़ने और तरावीह के बाद खास दुआओं का आयोजन करने की गुजारिश की है।
प्रदर्शन में बड़े नेता और संगठनों की भागीदारी की उम्मीद
AIMPLB ने सभी राजनीतिक और सामाजिक संगठनों, सिविल सोसाइटी, छात्र संगठनों और आम जनता से 13 मार्च को जंतर मंतर पर जुटने की अपील की है ताकि इस कानून के खिलाफ मजबूत संदेश दिया जा सके।
हिंदुत्व संगठनों की प्रतिक्रिया
वहीं, हिंदू संगठनों ने AIMPLB के विरोध प्रदर्शन को लेकर नाराजगी जताई है। हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी ने वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि वे भी जंतर मंतर पर इस विधेयक के समर्थन में प्रदर्शन करेंगे।
क्या है AIMPLB की मांग?
AIMPLB का कहना है कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों को सरकार के नियंत्रण में लाने का प्रयास है, जिससे मुस्लिम धार्मिक और सामाजिक संस्थानों पर सीधा असर पड़ेगा। बोर्ड ने सरकार से इस विधेयक को तुरंत वापस लेने की मांग की है।
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देश में राजनीतिक और धार्मिक माहौल गरमाता जा रहा है। AIMPLB और मुस्लिम संगठनों के विरोध के बीच हिंदू संगठनों ने भी मोर्चा खोल दिया है। अब 13 मार्च को जंतर मंतर पर होने वाला प्रदर्शन यह तय करेगा कि सरकार इस विधेयक पर आगे क्या रुख अपनाती है।