इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार संजय शर्मा के यूट्यूब चैनल ‘4PM न्यूज़’ को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ और ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ के आधार पर बिना पूर्व सूचना ब्लॉक किए जाने के मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के माध्यम से दायर की गई थी।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई अगले सप्ताह निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट सिब्बल ने दलील दी कि चैनल को ब्लॉक करने से पहले पत्रकार संजय शर्मा को कोई पूर्व नोटिस नहीं दिया गया, जो संविधान के तहत दिए गए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।
कोर्ट ने शुरुआत में इस याचिका को पहले से लंबित एक अन्य याचिका—जो डिजिटल कंटेंट को ब्लॉक करने वाले नियमों की संवैधानिकता को चुनौती देती है—के साथ जोड़ने का सुझाव दिया। लेकिन कपिल सिब्बल ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वर्तमान मामला अलग है, क्योंकि इसमें याचिकाकर्ता सीधे तौर पर प्रभावित हुआ है और उसके चैनल को बिना सूचना बंद कर दिया गया है।
सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी आग्रह किया कि वह इस मसले पर कोई अंतरिम राहत दे, क्योंकि चैनल के ब्लॉक होने से पत्रकार की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आजीविका दोनों प्रभावित हो रही हैं।
इस पूरे मामले ने एक बार फिर भारत में डिजिटल मीडिया की स्वतंत्रता और सरकारी ब्लॉकिंग प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट का आने वाला फैसला देशभर के डिजिटल पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के लिए अहम नज़ीर साबित हो सकता है।