इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने भारत सरकार द्वारा स्वतंत्र पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के खिलाफ की गई कार्रवाई को लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया है। AISA द्वारा जारी प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि मक्तूब मीडिया, फ्री प्रेस कश्मीर और द कश्मीरियत जैसे स्वतंत्र मीडिया पोर्टलों के X (ट्विटर) अकाउंट्स को भारत में बैन कर दिया गया है, जबकि फ्रीलांस पत्रकार रेजाज सिद्दीक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
AISA ने सरकार की इस कार्रवाई को “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” और “जनता के सूचना के अधिकार” के खिलाफ करार देते हुए कहा है कि ये कदम पूरी तरह से फासीवादी हैं और इनमें साफ तौर पर इस्लामोफोबिक और कश्मीर विरोधी मानसिकता दिखाई देती है।
AISA ने कहा “ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति है, तब सीमावर्ती क्षेत्रों में आम नागरिकों की जान जा रही है। इन ज़मीनी हकीकतों की रिपोर्टिंग करना अपराध नहीं है। लेकिन सरकार स्वतंत्र मीडिया की आवाज़ों को दबाने के लिए अकाउंट बैन और गिरफ्तारी जैसे हथकंडे अपना रही है।”
AISA का यह भी कहना है कि जहां स्वतंत्र मीडिया पर कार्रवाई हो रही है, वहीं कॉर्पोरेट मीडिया जैसे ABP Live, Republic TV जैसी संस्थाएं झूठ फैलाने में लगी हैं और उन्हें पूरी छूट दी जा रही है। कारी मोहम्मद इकबाल को आतंकवादी बताना और बाद में पुलिस द्वारा स्पष्टीकरण देना इस बात का प्रमाण है कि ग़लत जानकारी किस तरह फैलाई जा रही है।
AISA ने सरकार से मांग की है
मक्तूब मीडिया, फ्री प्रेस कश्मीर, द कश्मीरियत के प्रतिबंधित अकाउंट्स को तुरंत बहाल किया जाए”
पत्रकार रेजाज सिद्दीक को तुरंत रिहा किया जाए
स्वतंत्र मीडिया और पत्रकारों के खिलाफ फासीवादी दमन बंद किया जाए
प्रेस रिलीज़ के अंत में AISA ने कहा “यह कोई सुरक्षा नीति नहीं, बल्कि एक राजनीतिक साजिश है जो असहमति की आवाज़ों को कुचलने के लिए रची गई है। हम इसके खिलाफ आवाज़ उठाते रहेंगे।”