इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे कश्मीर विवाद पर एक बार फिर मध्यस्थता की पेशकश की है। यह बयान उन्होंने उस वक्त दिया जब कुछ ही घंटे पहले दोनों परमाणु संपन्न दक्षिण एशियाई देशों के बीच संघर्षविराम को लेकर एक डील हुई।
ट्रंप ने अमेरिकी मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष को शांत करवाने में मदद की है। अगर दोनों देश चाहें, तो मैं कश्मीर मुद्दे पर भी मध्यस्थता करने को तैयार हूं।”
ट्रंप की इस टिप्पणी ने फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर को लेकर चर्चा तेज कर दी है। इससे पहले भी 2019 में ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान कहा था कि मोदी ने उन्हें कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने को कहा है, हालांकि भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया था।
भारत सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर रखा है कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है और वह किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। वहीं पाकिस्तान कश्मीर को एक अंतरराष्ट्रीय विवाद मानता है और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का समर्थन करता रहा है।
हाल के संघर्षविराम समझौते से दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर शांति की उम्मीद जगी है। हालांकि, कूटनीतिक स्तर पर संवाद की बहाली को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।
ट्रंप के इस बयान पर भारत सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान भारत के रुख के विपरीत है और आने वाले दिनों में इससे राजनयिक तनाव बढ़ सकता है।