इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के विधायक अमीनुल इस्लाम को पहलगाम हमले पर दिए गए कथित विवादास्पद बयान के बाद अब राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया है। यह कार्रवाई उस दिन हुई जब उन्हें देशद्रोह के मामले में ज़मानत मिली थी।
अमीनुल इस्लाम को 24 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था, जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर कथित तौर पर सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। उनके बयान को “राष्ट्र विरोधी” करार देते हुए उनके खिलाफ देशद्रोह और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।
हालांकि, 15 मई को उन्हें स्थानीय अदालत से देशद्रोह के मामले में ज़मानत मिल गई, लेकिन इसी दिन प्रशासन ने उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगा दिया, जिसके तहत अब बिना मुकदमे के लंबे समय तक हिरासत में रखा जा सकता है।
AIUDF प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने इस कार्रवाई को “राजनीतिक प्रतिशोध” बताते हुए कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, “सरकार विपक्ष की आवाज़ को दबाने के लिए सख्त कानूनों का दुरुपयोग कर रही है। अमीनुल इस्लाम ने कोई अपराध नहीं किया है, बल्कि जनभावनाओं को ही अभिव्यक्त किया था।”
मानवाधिकार संगठनों ने भी इस कदम को “लोकतंत्र पर हमला” करार देते हुए तत्काल NSA हटाने और विधायक की रिहाई की मांग की है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मामले का असर असम की राजनीति और विपक्षी दलों के सरकार पर हमले के स्वर पर पड़ेगा, खासकर चुनावी माहौल में जब अल्पसंख्यक समुदायों के मुद्दे गर्म हैं।