इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर देश की सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने हमले से पहले पाकिस्तान को सूचित किया, जिसे उन्होंने “अपराध” करार दिया। राहुल ने सवाल उठाया कि इसकी इजाज़त किसने दी और क्या इससे भारतीय वायुसेना को नुकसान हुआ?
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर कहते सुनाई दे रहे हैं: “ऑपरेशन की शुरुआत में हमने पाकिस्तान को संदेश दिया कि हम आतंकवादियों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमला कर रहे हैं, सेना पर नहीं।” इसी बयान को आधार बनाकर राहुल गांधी ने सरकार पर गंभीर सवाल उठाए।
हालांकि, विदेश मंत्रालय ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि जयशंकर के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि “विदेश मंत्री का आशय था कि ऑपरेशन की शुरुआत के बाद पाकिस्तान को यह संदेश दिया गया था, न कि पहले।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ी सैन्य कार्रवाई की थी, जिसमें 20% पाकिस्तानी वायुसेना के ठिकानों को तबाह कर दिया गया और कई लड़ाकू विमान भी नष्ट किए गए। इसके अलावा भारतीय वायु रक्षा इकाइयों ने 600 से अधिक पाकिस्तानी ड्रोन को नाकाम कर दिया।
पाकिस्तानी पक्ष ने भी अपने नुकसान की पुष्टि की है। सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने माना कि भारतीय हमले में बोलारी एयरबेस पर पाकिस्तान एयरफोर्स के छह जवान मारे गए।
भारत सरकार ने इस बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के मुद्दे को उजागर करने के लिए अभियान तेज कर दिया है। इसके तहत सात ऑल पार्टी डेलीगेशन अमेरिका, ब्रिटेन, जापान समेत अन्य देशों का दौरा करेंगे और वहां की सरकारों को पाकिस्तान की भूमिका के बारे में जानकारी देंगे।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात तनावपूर्ण रहे हैं, हालांकि युद्धविराम पर सहमति बनी हुई है। लेकिन घरेलू सियासत में राहुल गांधी के आरोपों ने मोदी सरकार को रक्षात्मक मुद्रा में ला दिया है।