इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए संशोधन कानून के खिलाफ देश भर में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच ईमारत ए शरीया बिहार, ओडिशा और झारखंड ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए 25 मई 2025, रविवार को अल-मअहद अल-आली, ईमारत ए शरीया, फुलवारी शरीफ में एक विशेष और सलाहकारी बैठक बुलाने का ऐलान किया है। यह बैठक ईमारत की सबसे बड़ी निर्णय लेने वाली संस्था ‘अरबाब-ए-हल व अक़द’ की होगी, जिसकी सदारत स्वयं अमीर-ए-शरीयत मौलाना सैयद अहमद वली फैसल रहमानी करेंगे।
ईमारत ए शरीया के कार्यवाहक नाज़िम मौलाना मुफ्ती मोहम्मद सईदुर रहमान क़ासमी ने एक प्रेस बयान में इस कानून को मुस्लिमों की धार्मिक पहचान, मस्जिदों, मदरसों और वक्फ संपत्तियों को खत्म करने की एक संगठित साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कानून न केवल संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि एक विशेष धार्मिक समुदाय को निशाना बनाने की साज़िश भी है।
ईमारत ए शरीया की अगुवाई में बिहार, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन, रैलियां, प्रतिनिधि सम्मेलन और जलूस निकाले गए, जिनमें हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। इन कार्यक्रमों में इमाम, उलेमा, मली जमातों, संगठनों के ज़िम्मेदार, और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भागीदारी की।
ईमारत ए शरीया ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन अब केवल प्रदर्शन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भविष्य की रणनीति तय करने के लिए 25 मई की बैठक निर्णायक होगी। इसमें कानूनी रणनीति, आंदोलन का विस्तार, और जनता से संवाद की योजनाएं तय की जाएंगी ताकि यह कानून वापस लिया जा सके।
मौलाना मुफ्ती सईदुर रहमान क़ासमी ने जनता, उलेमा, संगठनों के कार्यकर्ताओं और अरबाब-ए-हल व अक़द के सदस्यों से अपील की कि वे किसी भी तरह की अफवाहों या मतभेदों का शिकार न हों और ईमारत ए शरीया, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तथा अन्य मली संगठनों की नेतृत्व पर भरोसा रखें
प्रेस रिलीज़ के अंत में मौलाना रिज़वान अहमद नदवी, इंचार्ज – विभाग-ए-नशर व इशाअत, ईमारत ए शरीया ने सभी से इस ऐतिहासिक बैठक में पूरी तरह से भाग लेने और ईमारत की दीनी और मिल्ली सरगर्मियों की कामयाबी के लिए दुआ करने की अपील की है।