इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
उत्तराखंड में सिंचाई विभाग की ज़मीन पर अवैध रूप से बनी मजारों को हटाने की प्रक्रिया के तहत अब तक लगभग 500 मजारें तोड़ी जा चुकी हैं। इस कार्रवाई के बीच, रुड़की स्थित सैयद तारा बाबा की दरगाह को लेकर स्थानीय हिंदू समाज ने प्रशासन से इसे बचाने की अपील की है।
सैयद तारा बाबा की दरगाह सदियों से क्षेत्रवासियों की आस्था का केंद्र रही है। यहां न केवल मुस्लिम समुदाय के लोग, बल्कि हिंदू श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में आते हैं। मान्यता है कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है और श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
हालांकि, प्रशासन का कहना है कि यह मजार सिंचाई विभाग की ज़मीन पर अवैध रूप से बनी है, जिसके कारण इसे हटाया जा रहा है। इस कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय हिंदू समाज ने विरोध जताया है और दरगाह को बचाने की अपील की है।
स्थानीय हिंदू समाज के नेताओं का कहना है कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे नष्ट करने की बजाय संरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि इस दरगाह को बचाने के लिए विशेष कदम उठाए जाएं ताकि क्षेत्र में धार्मिक सौहार्द और शांति बनी रहे।
इस पूरे मामले को लेकर सामाजिक संगठन, धर्मगुरु और स्थानीय प्रशासन के बीच बातचीत जारी है। उम्मीद जताई जा रही है कि संवेदनशीलता के साथ इस मामले का समाधान निकाला जाएगा।