इमरान अहमद: छात्र पत्रकारिता सह जनसंचार विभाग मानू हैदराबाद
अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो एनसीआरबी की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 15.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. भारत में प्रतिदिन 86 रेप के केस हुए दर्ज, हर घंटे 49 महिलाओं के खिलाफ अपराध हुए हैं. जहां साल 2020 में 3 लाख 71 हजार 503 मामले दर्ज हुए थे. वहीं, साल 2021 में 4 लाख 28 हजार 278 मामले दर्ज किए गए हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में पिछले साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक अपराधिक मामले (56 हजार 083) दर्ज किए गए. महिलाओं के खिलाफ 40 हजार 738 अपराधों के साथ राजस्थान दूसरे नंबर पर आता है. इसके बाद महाराष्ट्र में 2021 में 39 हजार 526 ऐसे मामले दर्ज किए गए. वहीं, बलात्कार के दर्ज किए गए मुकदमों में राजस्थान देशभर में नंबर वन पर है.और इन सब के बिच 23 अगस्त को झारखंड के दुमका जिले में अपने घर में सो रही अंकिता को सिरफिरे शाहरुख ने पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी ऐसा आरोप उसके परिवार का है. अंकिता की मौत के बाद से झारखंड के कई शहरों में तनाव है. विपक्ष इस मामले में हेमंत सोरेन सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगा रहा है. दुमका डीएसपी नूर मुस्तफा के उपर भी पक्षपात के आरोप लग रहे हैं, और इस पुरे घटना को लव जिहाद से भी जोड़ कर देखा रहा है जबकि कुछ लोग इसको प्रेम-प्रसंग भी बता रहे हैं. क्या है मामला?अंकिता के परिवार वालों के मुताबिक, “12वीं कक्षा में पढ़ने वाली अंकिता अपने घर में सो रही थी. तड़के सुबह करीब पांच बजे उसी मोहल्ले में रहने वाला शाहरुख हुसैन उसके घर पहुंचा. उसने खिड़की के कांच तोड़कर अंकिता पर पेट्रोल डाला और माचिस जला कर उसे आग के हवाले कर दिया”घटना में गंभीर रूप से जली अंकिता को गंभीर हालत में दुमका जिले के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां से प्राथमिक इलाज के बाद 23 अगस्त को ही अंकिता को रांची के रिम्स अस्पताल रेफर कर दिया गया. अंकिता के दोनों हाथ, दोनों पैर, पीठ का हिस्सा और पेट का काफी हिस्सा बुरी तरह से जल गया था. पांच दिन तक वह जिंदगी-मौत से जूझती रही. शनिवार को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था.अब इस मामले को भाजपा, बजरंग दल और विहिप जैसे संगठन साम्प्रदायिक का रंग देने और हिन्दू मुस्लिम बनाने में लगे हुए हैं. और इस पूरे मामले को लव जिहाद से भी जोड़ा जा रहा है इस मामले के आरोपी को गिरफ्तार किया जा चूका है. जब कि इस पूरे घटना की जांच पुलिस कर रही है.लेकिन जिस तरह से मेन स्ट्रीम मिडिया और कुछ सड़क छाप यूटुबर आरएसएस और बजरंग दल जैसे संगठन के साथ मिलकर इस पूरे मामले को हिन्दू-मुस्लिम रंग देकर जो दंगा भरकाने की कोशिश की जा रही है वो कहीं न कहीं समाज और इस देश के लिए बहुत खतरनाक है. क्योंकी इस दौर में अपराध अब धर्म देख कर तय किया जाता है. अब ये देखा जाता है की अपराध करने वाला किस धर्म का है और अपराध का शिकार होने वाला किस धर्म का है उसके आधार पर ही अब आरोप तय किया जाता है.आज हम आप को बताएंगे की इस देश में संगीता जैसी घटना और भी घट चुकी हैं. लेकिन न इस पर कोई मिडिया ट्रायल हुआ और न सड़क छाप संघी यूटूबर ने अपनी जुबान खोली. और न ही आरएसएस और बजरंग दल जैसे आतंकी संगठन कोई हल्ला फसाद किए. क्योंकी दरिंदगी का शिकार होने वाली का संबंध मुस्लिम धर्म से और दरिंदगी करने वाला का संबंध हिन्दू से धर्म था.ठीक आज से 2 साल पहले बिहार के वैशाली जिले के देसरी थाना अंतर्गत पड़ने वाले चांदपूरा ओपी के रसूलपुर हवीव गांव में एक बहुत दरिंदगी वाला घटना सामने आया था. दरिंदों ने मासूम गुलनाज को जिंदा जला दिया था. उस मासूम गुलनाज का कुसूर सिर्फ इतना था की उसने गांव का ही सतीश राय को अपने घर के पास जमा ना होने और अड्डेबाजी ना करने के लिए कहा था. बस इसी बात पे आतंकी सतीश राय उसके दोस्तों ने मिट्टी तेल छिड़ककर आग लगा दी.20 वर्षीय गुलनाज खातून के भाई गुलशन परवेज बताते हैं कि “आरोपी तीन महीने से उसके साथ छेड़छाड़ कर रहे थे जब मेरी बहन कचरा फेंकने जाती थी तो ये लोग उसे परेशान करते थे. 30 अक्टूबर को शाम 5 बजे, चंदन कुमार और सतीश कुमार ने उस पर मिट्टी का तेल डाला और उसे आग लगा दी, महज 4 महीने में उसकी शादी होने वाली थी, लेकिन डोली उठने से पहले ही उसका जनाज़ा उठ गया कुछ हैवानो ने उसे अपना शिकार बना लिया.”उस समय बिहार में एनडीए की सरकार थी और उपमुख्यमंत्री एक महिला थी उसके बावजूद इस पूरे मामले में कोई हल्ला हुआ न कोई मिडिया ट्रायल हुआ और न सड़क छाप संघी यूटूबर ने अपनी जुबान खोली, और न ही आरएसएस और बजरंग दल जैसे संगठन का खून खौला. क्योंकि हैवानियत का शिकार होने वाली मासूम का संबंध मुस्लिम धर्म से था और और हैवानों का संबंध हिन्दू धर्म से था.याद होगा कठुआ रेप कांड:-जम्मू के कठुआ में 10 जनवरी को 8 साल की बच्ची लापता हो जाती है. 7 दिनों बाद उसकी लाश क्षत-विक्षत हालत में मिलती है. पुलिस ने जो चार्जशीट दायर की थी उसे पढ़ कर पूरा जिस्म कांप जाता है और सिहरन पैदा कर देती है. भूख से तड़पती, नशीली दवाओं के डोज की वजह से सुन्न पड़ गई वो मासूम न चीख सकती थी, न कुछ महसूस कर सकती थी. हर दिन उसके साथ रेप किया जा रहा था. जब उसका सुन्न शरीर 6 लोगों की हैवानियत शांत करने लायक नहीं बचा, तो दरिंदों उसको मार डाला. उसके साथ हुई दरिंदगी की वजह बना उसका धर्म. उसको मुस्लिम होने की सजा मिली. हैरानी की बात ये है कि अपने धर्म का दबदबा बनाने के मकसद से जो उसके साथ दरिंदगी कर रहे थे, उन्होंने उसके रेप के लिए ‘देवस्थान’ को चुना जो हिन्दुओ क का पवित्र स्थल माना जाता है. इस पूरे अपराध में मुख्य तौर पर मुख्य साजिशकर्ता सांजी राम के साथ स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा और उसके दोस्त परवेश कुमार उर्फ मन्नू , सांजी राम का किशोर भतीजा और उसका बेटा विशाल जंगोत्रा उर्फ शम्मा कथित तौर पर शामिल था और इन लोगों ने मिल कर इस पूरे दरिंदगी को अंजाम दिया था. सब से हैरानी और बेशर्मी की बात ये रही के इन दरिंदों की गिरफ्तारी के बाद एक तबका बलात्कारियों के पक्ष में खड़ा हो गया. इसकी अगुवाई कोई और नहीं, बल्कि ‘हिंदू एकता मंच’ कर रही थी. भगवा’ के साथ तिरंगा झंडा लेकर बलात्कार के आरोपियों के बचाव में धरना-प्रदर्शन किये गये. ये समूह बीजेपी नेता लाल सिंह चौधरी और चंदर प्रकाश गंगा जो दोनों पीडीपी-बीजेपी सरकार में मंत्री थे और इन दोनों संरक्षण में धरना-प्रदर्शन संचालित हो रहा था.सबसे अजीब बात ये थी कि जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जम्मू भी इस आंदोलन में शरीक हो गया. उन्होंने इतना हंगाामा किया कि 9 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल नहीं हो पाई और फिर क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट 10 अप्रैल को दाखिल की. वकीलों ने इसका विरोध करते हुए 11 अप्रैल और 12 अप्रैल को पूरे जम्मू-कश्मीर का बंद बुलाया और वो कठुआ जिला जेल के बाहर लगातार प्रदर्शन करते रहे.इतनी हैवानियत होने पर भी आरएसएस बजरंग दल वालों जैसे भेड़ियों का खून नहीं खौला बल्कि इसके उलट बलात्कारियों के समर्थन में खड़े हो गए. सिर्फ इसलिए की मासूम असिफ़ा का संबंध मुस्लिम धर्म से था और दरिंदे और बलात्कारियों का संबंध हिन्दू धर्म से था.बिहार के पूर्वी जिले कटिहार के पस्तिया गांव में 25 मई को एक 16 वर्षीय नाबालिग मुस्लिम लड़की माहेनूर की हत्या कर दी गई थी. नाबालिग का शव उसी गांव के पड़ोसी के घर से बरामद किया गया था. उस मासूम माहेनूर का सामूहिक दुष्कर्म किया फिर गला दबाकर हत्या कर दी गई. उसके एक हाथ और एक पैर टूटे हुए थे, और इस पूरे मामले के अपराधी थे कुसुम लाल विश्वास जो माहेनूर के पड़ोसी थे, और इस मासूम की चीख भी इन दरिंदों के शोर में दब के रह गई.चलिए मान लेते हैं की इसमें जिसके साथ दरिंदगी हुई वो मुस्लिम थे और हैवानियत करने वाला हिन्दू इसलिए इसलिए मीडिया और भाजपा आरएसएस बजरंग दल जैसे संगठन इसपे खामोश रहे. लेकिन हम आप को ऐसे कुछ रेप और हत्या के बारे में बताएंगे जिसमें मजलूम भी हिन्दू और जालिम भी हिन्दू धर्म से है । लेकिन लेकिन यहाँ पे ये संगठन इस लिए चुप रहे क्योंकि पीड़िता छोटी जाती की थी और बलात्कारी बड़ी जाती का था. यहाँ अपराधी सिर्फ धर्म के आधार पर ही नहीं बल्कि जाती के आधार पर तय किये जाते हैं.हम आपको कुछ ऐसे रेप और हत्या के बारे में बताएंगे जिसे बलात्कार हुआ वो भी हिन्दू और जिसने बलात्कार किया वो भी हिन्दू हैं. ये सब घटना ने पूरे देश को झकझोर रख दिया दिया था.साल 2019 में घर पर अकेली लड़की को दुष्कर्म के बाद मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया गया था. इलाज के दौरान यूवती ने दम तोड़ दिया था. इस घटना को उसी गांव के बड़ी जाति के मोनू ठाकुर नाम के युवक ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर पीड़िता के घर पर हमला बोल दिया था. उसके बाद उसने युवती के साथ रेप किया था. विरोध करने पर उसने मिट्टी का तेल डालकर पीड़िता को आग के हवाले कर दिया था.इसी तरह जुलाई 2020 में : बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुपरी थाना क्षेत्र के एक गांव में 9वीं में पढ़ने वाली पेट्रोल से जलाई गई गरीब परिवार की नाबालिग लड़की की. गांव के ही लड़के ने रेप की कोशिश की और नाकाम रहने पर पेट्रोल छिड़कर उसे जला दिया था.15 दिन मौत से जूझने के बाद रविवार को मौत हो गई थी. लड़की वहां पिता जी को खाना लेकर गई थी. पिता खाना खाने के बाद पीएचसी दवा लाने चले गए. इसी बीच आरोपी लड़का आया जबरन उसके साथ कुछ करना चाहा. लड़की के विरोध करने पर लड़का वापस घर आया और पेट्रोल छिड़ककर लड़की को जला दिया. ‘पास में ही वहां एक नाला बहता है जहां लड़की ने खुद को बचाने के लिए कूद गई, और वह जलने से बचने से जूझती रही. वह नाले में खुद को डुबोती और बाहर आने पर फिर आग लग जा रही थी. इसके बाद गांव के लोग ने उसे बचाया और अस्पताल ले गए, जहां हालात गंभीर होने पर उसे मुजफ्फपुर के एसकेएमसीएच में रेफर कर दिया और वहां 15 दिन बाद उसकी मौत हो गई बता दें कि मामले में आरोपी अमर उर्फ अमरनाथ कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी थी.2019 में साल के पहले महीने यानि कि जनवरी में बिहार के गया में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी. गया के पटवा टोली इलाके की रहने वाली एक 16 साल की लड़की की दरिंदों ने बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी थी. हैवानों ने लड़की के सिर को उसके शरीर से अलग कर दिया था और सिर को बाद में तेजाब से जला दिया था. लड़की की हत्या से पहले उसके साथ रेप भी किया गया था. हालांकि इस घटना को ऑनर किलिंग भी बताया गया था। जिसने ये हैवानियत की थी वो छात्रा का दोस्त मुकेश सिंह था जो उच्च जाति का था. 7 साल की बच्ची का रेप और फिर तोड़ दी थीं हड्डियां अप्रैल 2019 में यूपी के कन्नौज से रेप और हत्या की ऐसी घटना सामने आई थी कि सुनकर रूह कांप जाए. यहां एक 30 के अधेड़ आदमी अमोद ठाकुर ने 7 साल की बच्ची के साथ रेप किया था. बाद में आरोपी ने पीड़िता की 12 हड्डियां तोड़ दी थीं. इसके बाद उस लड़की की हत्या कर दी गई.इसी तरह अगस्त 2021 में दिल्ली से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थीं दिल्ली कैंट थाना इलाके के पुरानी नांगल में एक 9 साल की बच्ची का श्मशान घाट के अंदर मासूम बच्ची का रेप करने के बाद उसे जिंदा जला दिया गया था बच्ची के साथ यह अपराध करने वाला और कोई नही बल्कि श्मशान घाट के पंडित और तीन दूसरे लोगों थे.अरुणा शानबाग रेप केसमुंबई में 1973 में हुआ देश का पहला और सबसे चिर्चित रेप केस अरुणा शानबाग रेप केस है. इस केस में मुंबई की एक अस्पताल में काम करने वाली नर्स अरुणा का अस्पताल के ही एक सफाई कर्मचारी सोहनलाल भर्था वालमीकि ने सोडोमी अप्राकृतिक सेक्स रेप किया था. लेकिन उस वक्त सोडोमी कानून में अपराध की श्रेणी में नहीं रखा गया था जिससे सोहनलाल पर रेप का केस नहीं दर्ज हो सका था. हालांकि अरुणा रेप के आरोपी सोहनलाल के खिलाफ लूट और हत्या का प्रयास करने का मामला दर्ज कियास गया था जिसके तहत उसे मात्र सात साल की जेल हुई. सात साल जेल में गुजारने के बाद सोहनलाल बेखौफ अपनी ज़िंदगी जी रहा है.प्रियदर्शिनी मट्टू रेप और हत्या केसभारतीय इतिहास में एक और रेप और हत्या का मामला 1996 में सामने आया. 25 साल की प्रियदर्शिनी मट्टू दिल्ली में कानून की पढ़ाई कर रही थी जिसका सतोष कुमार सिंह नामक शख्स ने उसी के घर में बलात्कार करके उसकी हत्या कर दी थी. इस केस में भी स्थानीय अदालत ने संतोष कुमार सिंह को बरी कर दिया था.अंजना मिश्रा रेप केस1999 में हुआ अंजना मिश्रा रेप केस पहला हाई प्रोफाइल रेप केस है. यह हाईप्रोफाइल रेप केस उड़ीसा में हुआ था. अंजना मिश्रा एक आईएफएस अधिकारी की पत्नी थीं जिन्होंने उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से राज्य के महान्यायाधिवक्ता इंद्रजीत राय के खिलाफ 1972 में रेप का प्रयास करने की शिकायत दी थी. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इंद्रजीत पर कोई कार्रवाई करने के बजाय उसका बचाव किया था. इसके बाद 1999 में भूवनेश्वर जा रही थी तभी तीन लोगों ने अंजना की पत्रकार दोस्त जिसके साथ वह यात्रा कर रहीं थीं के सामने सामूहिक बलात्कार किया था. मामले की सीबीआई जांच होने के बाद महान्यायाधिवक्ता इंद्रजीत राय को रेप के प्रयास में तीन साल की जेल हुई. जबकि रेप करने वाले तीन आरोपियों में से दो को आजीवन कारावास की सजा हुई और एक आरोपी का अभी तक पता नहीं चल पाया है.सौम्या रेप केससौम्या केरल के एर्नाकुलम से शोर्नूर एक रेल से जा रही थीं तभी गोविंदाचामी नामक शख्स ने उन्हें लूटने के उद्देश्य से हमला किया था.इस मामले में आरापी ने सौम्या का सिर रेल के दरबाजे में दबाकर कुचल दिया था और फिर से उसे ट्रेन से नीचे फेक दिया था. आरोपी गोविंदाचामी ने उसे ट्रेन से नीचे फेकने के बाद खुद भी कूद गया था, और फिर सौम्या की तलाश की और फिर पास के जंगल में ले जाकर उसकी बुरी तरह से बलात्कार किया था. ट्रेन से फेंके जाने और बलात्कार का शिकार हुई सौम्या को गंभीर चोंटे होने से कुछ दिन में मौत हो गई थी. स्कारलेट कीलिंग रेप केस2009 में अपने माता पिता के साथ ब्रिटेन से पर्यटन के लिए भारत आई 15 साल की स्कारलेट अपने भारतीय ब्यायफ्रेंड के साथ गोवा के बीच गई जहां उसका बलात्कार किया गया और उसे समुद्र में डुबोकर मार दिया गया. पास के इलाके में मौजद के स्कारलेट के परिवार ने उसे उसके दोस्त के साथ घूमने के लिए भेज दिया था. लेकिन मीडिया में इसे लेकर ऐसी खबरें आईं इलाके सभी लोग स्कारलेट के पहनावे और लाइफस्टाइल को ही दोषी ठहरा रहे थे. निर्भया गैंग रेप केसअब तक सबसे ज्यादा भयानक और क्रूरतम रेप केस दिल्ली रेप केस को माना जा रहा है. इस रेप में एक नाबालिग समेत छह लोगों ने एक मेडिकल की छात्रा से दिसंबर 2012 को दरिंदगी दिखाई उसे शायद ही कोई भूल पाए. इस मामले में पीड़िता के शरीर कई अति गंभीर चोंटे आई थी जिससे वह घटना के दो- तीन दिन बाद ही अस्पलात में दम तोड़ दिया था. इस मामले की कवरेज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में की गई. मामले में दोषी नाबालिग को तीन साल के सुधार घर भेजा गया जबकि मुख्य आरोपी राम सिंह ने कथित तौर पर जेल में ही आत्महत्या कर ली थी. बाकी बचे चार अपराधियों को अदालत ने फांसी की सजा सुना चुकी है. निर्भया के केस मे गुनहगारों को फ़ासी दिए हुए कुछ साल भी नहीं गुज़रे थे की फिर से इस देश की बेटियों पर फिर से वही दरिंदो का साया फिर से मंडराया है.उत्तर प्रदेश के ज़िले हाथरस मे रहने वाली एक दलित लड़की है जिसके साथ दरिंदो के तरह बलात्कार हुआ 14 सितंबर 2020 को हाथरस के थाना चंदपा के अंतर्गत, भुलगढ़ी गांव में वाल्मीकि जाति की 21 वर्षीया मनीषा के साथ कथित उच्च जाति के चार दबंगों ने दरिंदगी की। उन्होंने उसके साथ न केवल सामूहिक दुष्कर्म किया बल्कि उसकी पिटाई कर रीढ़ की हड्डी तोड़ दी. उसकी गर्दन पर वार किया और उसकी जीभ काट ली. गला घोंटकर उसे मारने की कोशिश की और उसे मरा समझ कर आरोपी उसे छोड़कर चले गए.इसमें शामिल चारों आरोपी उच्च जाति के थे. जिसमें संदीप के अलावा उसके चाचा रवि और उसके दोस्त लव कुश और चौथा आरोपी, रामू था.इस मामले में भी बलात्कारियों के समर्थन में उच्च जाती के लोग खड़े हो गए और बलात्कारियों को बचाने की पूरी कोशिश की गई. अब सवाल बनता है की इन सब मामले में न भाजपा न आरएसएस और न ही बजरंग दल जैसे संगठन का खून खौला और न ही हिन्दू खतरे में आया, बल्कि इसके उलट ये सब संगठन बलात्कारियों के समर्थन में खड़े हो गए. बलात्कारियों का कोई धर्म नहीं होता है, बलात्कारी सिर्फ अपराधी होता है. इस लिए ऐसे मामले को हिन्दू मुस्लिम रंग बिलकुल नहीं देना चाहिए। आशा है देश में सही दिशा में सोंच शुरू होगी और हम इस लज्जा दायक बीमारी रेप-बलात्कार से निजात पा सकेंगे और अपनी संगिनी सह धर्मिणी स्त्री जाति को जो माँ भी है बहन भी बेटी भी पत्नी भी को उचित सम्मान दिला सकेंगे जिसकी वह पात्र है और हमारा गौरव भी.(इमरान अहमद ने ये आर्टिकल कलाम रिसर्च फाउंडेशन के लिए लिखा है)