इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। रानीगंज थाना क्षेत्र के दुर्गागंज बाजार में स्थित एक निजी अस्पताल में कार्यरत 22 वर्षीय दलित युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद उसके परिजनों ने गैंगरेप और हत्या का गंभीर आरोप लगाया है। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा, जिसके चलते पुलिस और ग्रामीणों के बीच तनावपूर्ण झड़प भी हुई।
घटना का विवरण
जानकारी के मुताबिक, युवती पिछले चार साल से मां मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सफाई और नर्सिंग का काम करती थी। गुरुवार की शाम वह ड्यूटी पर गई थी, लेकिन आधी रात को अस्पताल से उसकी मां को सूचना मिली कि उनकी बेटी की तबीयत बिगड़ गई है। जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो उन्हें युवती का शव मिला। मां का दावा है कि उनकी बेटी के शरीर पर चोट के निशान थे और अंडरगारमेंट्स गायब थे, जिससे गैंगरेप के बाद हत्या की आशंका जताई जा रही है। परिजनों ने अस्पताल के संचालक डॉ. अमित पांडेय, कर्मचारी शाहबाज, सुनील कुमार, विद्यासागर और दाई गनोर्मा देवी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पुलिस की कार्रवाई और बवाल
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हालांकि, परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करने के बजाय मामले को टालने की कोशिश की। शुक्रवार को गुस्साए ग्रामीणों और परिजनों ने अस्पताल के सामने शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसके जवाब में भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। इस झड़प में सीओ रानीगंज समेत 11 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
प्रतापगढ़ के एसपी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि युवती की मां की तहरीर पर पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच में पता चला कि युवती का अस्पताल के वार्ड ब्वॉय शाहबाज के साथ प्रेम-प्रसंग था। शाहबाज ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन बाद में उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पुलिस ने 48 घंटे के भीतर शाहबाज, एक डॉक्टर और अस्पताल के एक अन्य कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है।
सांसद चंद्रशेखर आजाद का बयान
इस घटना पर नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “दलित युवती के साथ गैंगरेप और हत्या अत्यंत शर्मनाक और दंडनीय है। यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि एक दलित परिवार की रोजी-रोटी और भविष्य को कुचलने की साजिश है।” उन्होंने सरकार से मांग की कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर फांसी की सजा दी जाए। चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि यह घटना प्रदेश में दलित बेटियों पर बढ़ते अत्याचार और असुरक्षा का प्रमाण है।
जनता में आक्रोश
युवती की मौत के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। परिजनों का कहना है कि वह परिवार की इकलौती कमाने वाली थी, जिसके चलते अब उनकी मां और दो छोटी बहनों का भविष्य अधर में लटक गया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर सरकार को घेरते हुए कहा कि भाजपा शासन में दलितों की आवाज को दबाया जा रहा है।
पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच, प्रतापगढ़ में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है ताकि आगे कोई अप्रिय घटना न हो सके।