इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के घने जंगलों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई एक बड़ी मुठभेड़ में कम से कम 27 नक्सली मारे गए। इनमें भारत की सबसे वांछित माओवादी नेता नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजु भी शामिल हैं। बसवराजु भाकपा (माओवादी) का महासचिव था और नक्सल आंदोलन की रीढ़ की हड्डी माना जाता था।
लगभग 71 वर्षीय बसवराजु पर कुल 1.5 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था — जिनमें 1 करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा और शेष आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना सरकारों द्वारा घोषित किया गया था।
यह मुठभेड़ नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों के सीमावर्ती इलाके अबूझमाड़ के जंगलों में 21 मई को हुई, जहाँ खुफिया सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन चलाया। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से बड़ी संख्या में आधुनिक हथियार, गोला-बारूद और माओवादी साहित्य बरामद किया गया।
इस कार्रवाई में जिला रिजर्व गार्ड (DRG) का एक जवान शहीद हो गया, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। ऑपरेशन में सीआरपीएफ, कोबरा, एसटीएफ और स्थानीय पुलिस बल शामिल थे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस सफलता को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह माओवादी आतंकवाद को समाप्त करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। उन्होंने 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने की सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
अबूझमाड़, जो वर्षों से नक्सलियों का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है, में इस ऑपरेशन को नक्सली नेटवर्क की कमर तोड़ने वाली कार्रवाई माना जा रहा है।
ओडिशा, महाराष्ट्र और झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों ने भी इस कार्रवाई को एक बड़ी उपलब्धि बताया है, क्योंकि बसवराजु इन क्षेत्रों में माओवादी गतिविधियों का संचालन कर रहा था।