इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रविकांत चंदन ने बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर धर्म की आड़ में महिला तस्करी का गंभीर आरोप लगाया है। प्रोफेसर का दावा है कि मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में 28 जुलाई की रात एक संदिग्ध एम्बुलेंस पकड़ी गई, जिसमें 13 महिलाओं को कथित रूप से जबरन ले जाया जा रहा था।
प्रोफेसर रविकांत ने 31 जुलाई को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर इस घटना का उल्लेख करते हुए दावा किया कि इस पूरी गतिविधि में धीरेंद्र शास्त्री की संलिप्तता है। उन्होंने लिखा, “धर्म की आड़ में महिला तस्करी हो रही है। धीरेंद्र शास्त्री इस गंभीर अपराध में शामिल हैं।”
प्रोफेसर ने यह भी कहा कि उनके आरोप किसी अनुमान या भावनात्मक प्रतिक्रिया पर आधारित नहीं हैं, बल्कि उन्होंने एक वीडियो के आधार पर यह बात कही है। उनका कहना है कि वीडियो में स्पष्ट रूप से स्थिति दिखाई दे रही है और यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो धीरेंद्र शास्त्री को फांसी दी जानी चाहिए।
इस मुद्दे पर अब तक धीरेंद्र शास्त्री या उनके संगठन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं स्थानीय पुलिस ने भी अब तक इस मामले पर औपचारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, छतरपुर के लवकुशनगर थाना क्षेत्र में 28 जुलाई की रात एक एम्बुलेंस को रोके जाने की पुष्टि स्थानीय सूत्रों ने की है, लेकिन उसमें सवार महिलाओं की स्थिति और गाड़ी की वास्तविक मंशा की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
सोशल मीडिया पर इस बयान के बाद तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। एक ओर धीरेंद्र शास्त्री के समर्थकों ने इसे सनातन धर्म को बदनाम करने की साजिश बताया है, वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने प्रोफेसर की मांग को गंभीरता से लेते हुए स्वतंत्र जांच की आवश्यकता जताई है।
वहीं, कानूनी जानकारों का कहना है कि यदि किसी सार्वजनिक और प्रभावशाली धार्मिक हस्ती पर ऐसे आरोप लगते हैं तो राज्य पुलिस के बजाय सीबीआई या स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराना ज़रूरी होता है।
गौरतलब है कि धीरेंद्र शास्त्री पहले भी विभिन्न विवादों में रह चुके हैं, जिनमें कथित धर्मांतरण, सार्वजनिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण संबंधी घटनाएं और धार्मिक दावों पर आलोचनाएं शामिल हैं।