इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार में अपराध और अवैध गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य में ‘ड्रोन पुलिस यूनिट’ के गठन की तैयारी जोरों पर है, जो विशेष रूप से बालू और शराब तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखेगी।
ड्रोन यूनिट की कार्यप्रणाली
दूरस्थ क्षेत्रों में निगरानी: नदियों के किनारे और दुर्गम इलाकों में, जहां पुलिस की पहुंच सीमित होती है, वहां ड्रोन के माध्यम से गुप्त निगरानी संभव होगी।
-छापेमारी अभियानों में सहायता: ड्रोन की मदद से संदिग्ध स्थानों की पहले से जानकारी जुटाकर, पुलिस को छापेमारी में रणनीतिक बढ़त मिलेगी।
-यातायात प्रबंधन: शहरों में ट्रैफिक की निगरानी और नियंत्रण में ड्रोन उपयोगी साबित होंगे, जिससे जाम की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सकेगा।
प्रशिक्षण और सहयोग
ड्रोन यूनिट के संचालन के लिए पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस पहल में भारतीय वायुसेना का महत्वपूर्ण सहयोग रहेगा, जो ड्रोन संचालन, रखरखाव और डेटा विश्लेषण में पुलिस को प्रशिक्षित करेगी।
तकनीकी विशेषताएं
बिहार पुलिस विभिन्न प्रकार के ड्रोन का उपयोग करेगी, जिनमें शामिल हैं:
-नैनो ड्रोन:छोटे लेकिन फुर्तीले, जो तंग स्थानों में निगरानी के लिए उपयुक्त होंगे।
-माइक्रो ड्रोन: हल्के और तेज़, सीमित दूरी की निगरानी के लिए।
-मध्यम और बड़े ड्रोन: लंबी दूरी की निगरानी और भारी उपकरण उठाने में सक्षम, जो छापेमारी अभियानों में सहायक होंगे।
इस हाई-टेक सुरक्षा प्रणाली की नोडल एजेंसी विशेष कार्य बल (एसटीएफ) होगी। ड्रोन यूनिट के सक्रिय होने से बिहार में अपराधियों की गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित होगा, जिससे राज्य में कानून-व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।