इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा भारतीय सेना को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिशों की कड़ी निंदा की है। पार्टी का कहना है कि यह न सिर्फ संवैधानिक संस्थाओं का अपमान है बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी बेहद खतरनाक चलन है।
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद शफी ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के उस बयान की कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि “सेना और उसके जवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरणों में झुकते हैं।” मोहम्मद शफी ने कहा कि यह बयान हमारे बहादुर सैनिकों का अपमान है और उनके सम्मान और बलिदान को ठेस पहुँचाता है।
उन्होंने कहा कि भारत की सेना देश के संविधान की जिम्मेदार है, न कि किसी व्यक्ति विशेष की। “नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, कोई राजा नहीं कि सेना उनके आगे सिर झुका दे,” मोहम्मद शफी ने साफ तौर पर कहा।
एसडीपीआई ने बीजेपी पर यह आरोप भी लगाया कि वह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को चुनावी फायदे के लिए भुना रही है और ‘तिरंगा यात्रा’ जैसे कार्यक्रमों को केवल प्रचार का माध्यम बना चुकी है। उन्होंने गुजरात के मंत्री विजय शाह के उस बयान पर भी नाराज़गी जताई, जिसमें उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में टिप्पणी की थी। कर्नल सोफिया को देश में महिलाओं की भागीदारी और एकता की प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
एसडीपीआई ने बीजेपी से मांग की है कि वह तुरंत इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक राजनीति बंद करे। पार्टी ने देशवासियों से अपील की है कि वे सेना के जज़्बे और बहादुरी का सम्मान करें और ऐसे किसी भी बयान या विचार का विरोध करें जो किसी नेता को देश की संप्रभुता और संविधान से ऊपर दिखाने की कोशिश करे।