इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देश पर आज यानी 7 मई 2025 को पूरे देश के 244 ज़िलों में एक साथ ब्लैकआउट मॉक ड्रिल की जा रही है। इसका उद्देश्य है—देशवासियों को किसी भी युद्ध, आतंकी हमले या अन्य आपातकालीन परिस्थितियों के लिए तैयार करना और प्रशासनिक तंत्र की क्षमता का आकलन करना।
बिहार के छह ज़िले भी शामिल
बिहार के पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, पटना और बेगूसराय जिलों में भी यह ड्रिल आज शाम आयोजित होगी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह अभ्यास जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने और जागरूकता बढ़ाने के मकसद से किया जा रहा है।
कब और कितनी देर रहेगा ब्लैकआउट?
शाम 6:58 बजे सायरन बजेगा और उसके दो मिनट बाद यानी 7:00 से 7:10 बजे तक पूरे 10 मिनट का ब्लैकआउट किया जाएगा। इस दौरान सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने घरों, दुकानों और वाहनों की लाइट बंद रखें और शांतिपूर्वक सहयोग करें।
पूर्णिया डीएम और एसपी की चेतावनी और अपील
पूर्णिया के जिलाधिकारी कुंदन कुमार और एसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा “यह कोई खतरा नहीं, सिर्फ एक रिहर्सल है। लोगों को डरने की नहीं, सहयोग की जरूरत है। अफवाहों से बचें और प्रशासन का सहयोग करें।”
आपातकालीन सेवाओं को नहीं रोका जाएगा
इस मॉक ड्रिल के दौरान अस्पताल, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस वाहनों को ब्लैकआउट से छूट दी गई है। ये सेवाएं आम लोगों को सायरन और अन्य संकेतों के जरिए सतर्क करती रहेंगी।
सिविल डिफेंस और होमगार्ड की भूमिका अहम
यह मॉक ड्रिल सिविल डिफेंस, होमगार्ड, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस बल के संयुक्त प्रयासों से की जा रही है। इसका फोकस है—लोगों को यह सिखाना कि असल आपदा की स्थिति में किस तरह शांत रहकर जिम्मेदारी निभाई जाए।
भ्रम या पैनिक की बिल्कुल ना करें गलती
प्रशासन ने बार-बार दोहराया है कि यह सिर्फ एक एहतियाती अभ्यास है, न कि किसी खतरे का संकेत। खाने-पीने का सामान इकट्ठा करने या घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है।
क्या है ब्लैकआउट मॉक ड्रिल का बड़ा संदेश?
यह अभ्यास न सिर्फ नागरिकों को तैयार करने का एक माध्यम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत सरकार और राज्य प्रशासन युद्ध जैसे हालात से निपटने के लिए कितने सजग और संगठित हैं। ऐसी ड्रिल्स आने वाले समय में देश की आंतरिक सुरक्षा और नागरिक सहयोग को और मज़बूत करेंगी।