महाबोधि मुक्ति आंदोलन:भूख हड़ताल पर बैठे भिक्षुओं को पुलिस ने हटाया, समुदाय ने अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की

इंसाफ़ टाइम्स डेस्क

महाबोधि मंदिर की स्वतंत्रता के लिए चल रहे महाबोधि मुक्ति आंदोलन के तहत भूख हड़ताल पर बैठे बौद्ध भिक्षुओं को पुलिस ने आधी रात में हटाया। इस कार्रवाई के बाद बौद्ध समुदाय ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (IHRC) और संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) से हस्तक्षेप की मांग की है।

भिक्षुओं का यह आंदोलन महाबोधि मंदिर की प्रशासनिक स्वतंत्रता और बौद्ध समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए चल रहा था। भिक्षुओं का कहना है कि मंदिर के प्रबंधन में बौद्ध समुदाय की उचित भागीदारी सुनिश्चित नहीं है, जिससे उनकी धार्मिक स्वतंत्रता प्रभावित हो रही है।

पुलिस ने सुरक्षा और कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए भिक्षुओं को हटाया, लेकिन इस कार्रवाई की समय और तरीका सवालों के घेरे में है। बौद्ध समुदाय ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के रूप में देखा है और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से हस्तक्षेप की अपील की है।

IHRC और UNESCO से उम्मीद की जा रही है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे और बौद्ध समुदाय के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेंगे। स्थानीय प्रशासन ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

यह घटना धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के संदर्भ में गंभीर चिंता का विषय बन गई है, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की नजर इस पर टिकी हुई है।

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