इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) द्वारा जम्मू-कश्मीर के छात्रों से व्यक्तिगत जानकारी जैसे आधार नंबर, संपर्क विवरण और आवासीय पते मांगने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। छात्रों का आरोप है कि यह कदम भेदभावपूर्ण है और उनकी गोपनीयता का उल्लंघन करता है।
क्या है मामला?
DU के प्रॉक्टर कार्यालय ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें जम्मू-कश्मीर के छात्रों से उनके आधार नंबर और दिल्ली में उनके वर्तमान पते की जानकारी मांगी गई। विश्वविद्यालय का कहना है कि यह जानकारी छात्रों के रिकॉर्ड को सटीक बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
छात्रों की प्रतिक्रिया
जम्मू और कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (JKSA) ने इस सर्कुलर को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इसे वापस लेने की मांग की है। संगठन का कहना है कि यह कदम कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाने जैसा है और इससे उनके अधिकारों का उल्लंघन होता है।
विश्वविद्यालय का बचाव
DU की प्रॉक्टर प्रोफेसर रजनी अब्बी ने कहा कि यह कदम छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। उनका कहना है कि दिल्ली पुलिस ने यह जानकारी मांगी थी और गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत यह सर्कुलर जारी किया गया।
यह मामला छात्रों की गोपनीयता और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता को उजागर करता है। विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों की चिंताओं को गंभीरता से लेते हुए इस मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए।