इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
केरल के 26 वर्षीय स्वतंत्र पत्रकार और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स एसोसिएशन (DSA) के सदस्य रेजाज एम. सिदीक को नागपुर पुलिस ने 8 मई को एक होटल से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद, उन पर गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस का आरोप है कि सिदीक ने सोशल मीडिया पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन कगार’ के खिलाफ भड़काऊ पोस्ट की थीं, जिनमें भारतीय सेना के खिलाफ नारे और ‘हिंदुत्व को दफन करो’ जैसे बयान शामिल थे।
जांच के दौरान, पुलिस ने उनके कोच्चि स्थित आवास पर छापा मारा और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, कम्युनिस्ट साहित्य बरामद किए। इसके अलावा, उनके पास से माओवादी नेता कन्नन मुरली और विचारक जीएन साईबाबा से संबंधित सामग्री भी मिली।
रेजाज पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 149, 193, 347(1)(v), 347(2), 347(3), आईटी अधिनियम की धारा 67, और UAPA की धाराओं 38 और 39 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
पुलिस का दावा है कि सिदीक माओवादी नेटवर्क के लिए काम कर रहे थे, जिसमें जम्मू-कश्मीर में एनजीओ के माध्यम से युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स के साथ संपर्क स्थापित करने की योजना शामिल थी।
उनकी गिरफ्तारी के विरोध में, कोच्चि में ‘रेजाज सॉलिडैरिटी फोरम’ ने प्रदर्शन किया और ‘पत्रकारिता कोई अपराध नहीं है’ का नारा दिया।
रेजाज सिदीक की गिरफ्तारी और उन पर लगाए गए आरोपों ने राष्ट्रीय सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन पर एक नई बहस छेड़ दी है। जांच जारी है, और पुलिस ने उनकी हिरासत 18 मई तक बढ़ा दी है।