इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
देशभर में ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से कुख्यात, 67 वर्षीय देवेंद्र शर्मा को दिल्ली पुलिस ने राजस्थान के दौसा जिले के एक आश्रम से गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि वह बीते एक साल से पुजारी के वेश में फर्जी पहचान के साथ इस आश्रम में छिपा हुआ था।
देवेंद्र शर्मा मूल रूप से एक आयुर्वेदिक डॉक्टर है, लेकिन वह किडनी तस्करी रैकेट, टैक्सी ड्राइवरों की हत्याएं और दर्जनों संगीन अपराधों में शामिल रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वह अपने शिकारों की लाशें मगरमच्छों को खिला देता था ताकि कोई सबूत न बचे।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम को इस सीरियल किलर की लोकेशन का सुराग लंबे समय से नहीं मिल रहा था। आखिरकार राजस्थान के दौसा जिले में स्थित एक आश्रम से देवेंद्र को दबोचा गया। गिरफ्तारी के समय वह खुद को एक धार्मिक व्यक्ति बता रहा था और स्थानीय लोगों को झाड़-फूंक भी करता था।
देवेंद्र शर्मा का आपराधिक इतिहास खौफनाक रहा है। उस पर 50 से ज्यादा टैक्सी ड्राइवरों की हत्या का आरोप है, जिनकी गाड़ियां बेच दी जाती थीं और लाशें मगरमच्छों को खिला दी जाती थीं। साथ ही, उसने 125 से अधिक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट में भी अपनी भूमिका स्वीकारी थी।
फर्जी पहचान और धार्मिक चोला
गिरफ्तारी के समय देवेंद्र शर्मा एक नकली नाम से पुजारी बनकर रह रहा था। उसने स्थानीय आश्रम में खुद को ‘गुरुजी’ के रूप में स्थापित कर लिया था। आश्रम के लोग भी उसकी असली पहचान से अंजान थे।
दिल्ली पुलिस ने देवेंद्र शर्मा को दिल्ली लाकर पूछताछ शुरू कर दी है। उसके खिलाफ पुराने मामलों की फाइलें फिर से खोली जा रही हैं। पुलिस को शक है कि उसके नेटवर्क में अभी भी कई लोग सक्रिय हो सकते हैं।
देवेंद्र शर्मा की कहानी किसी फिल्मी खलनायक से कम नहीं है, लेकिन हकीकत इससे भी ज्यादा डरावनी है। अब देखना यह है कि कानून उसे कितनी जल्दी और सख्ती से उसके अंजाम तक पहुंचाता है।