“वंचितों को मिलेगा अधिकार और अवसर”: पीएम मोदी ने वक्फ विधेयक को बताया सामाजिक न्याय की दिशा में ‘ऐतिहासिक कदम

इंसाफ़ टाइम्स डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 और मुसलमान वक्फ विधेयक के संसद से पारित होने को भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक ऐतिहासिक मोड़ बताया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक उन लोगों को सशक्त बनाएगा जो लंबे समय से वंचित रहे हैं।

अपनी आधिकारिक विदेश यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) और मीडिया ब्रीफिंग्स के ज़रिए इस कानून की सराहना करते हुए कहा:

> “वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक का दोनों सदनों द्वारा पारित होना हमारे सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। ये बदलाव उन लोगों को विशेष रूप से लाभ पहुंचाएंगे जो वर्षों से हाशिए पर रहे हैं। अब उन्हें न केवल उनके अधिकार मिलेंगे, बल्कि उन्हें अवसर भी प्राप्त होंगे।”

प्रधानमंत्री ने इस विधेयक को “पारदर्शिता और न्याय” के दृष्टिकोण से आवश्यक बताया। उनके अनुसार, इससे न केवल वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन होगा, बल्कि इनका लाभ वास्तविक ज़रूरतमंदों तक भी पहुंचेगा।

मोदी सरकार की सोच का प्रतिबिंब

प्रधानमंत्री के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार इस विधेयक को “reform-oriented approach” यानी सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम मान रही है। उनका मानना है कि वक्फ संपत्तियों की दशकों से चली आ रही “अव्यवस्था, अपारदर्शिता और सीमित उपयोगिता” को समाप्त कर, अब उन्हें सार्वजनिक और समाज के व्यापक हित में लाया जा सकता है।

राजनीतिक संदेश भी शामिल

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में बिना किसी समुदाय या विपक्ष का नाम लिए यह संकेत दिया कि यह विधेयक किसी के विरुद्ध नहीं, बल्कि “वंचितों के हक में” है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब कई मुस्लिम संगठन और विपक्षी पार्टियां इस कानून को “धार्मिक और अल्पसंख्यक अधिकारों पर आघात” मान रही हैं।

सोशल मीडिया पर मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर भी यह संदेश साझा किया, जिसे लाखों लोगों ने देखा और कई समर्थकों ने इसे “साहसी और दूरदर्शी फैसला” बताया, वहीं आलोचकों ने इसे “धार्मिक हस्तक्षेप” कहकर नकारा।

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