इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार दौरे के तहत दरभंगा पहुंचे कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ लहेरियासराय थाना में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। आरोप है कि उन्होंने प्रशासन से अनुमति लिए बिना अंबेडकर कल्याण छात्रावास परिसर में जनसभा की और निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया।
पहली एफआईआर दरभंगा के प्रखंड कल्याण पदाधिकारी खुर्शीद आलम और दूसरी जिला कल्याण पदाधिकारी आलोक कुमार की शिकायत पर दर्ज की गई है। एफआईआर में राहुल गांधी, कार्यक्रम आयोजक व एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव शादाब अख्तर सहित 20 लोगों को नामजद और करीब 100 अज्ञात व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है।
राहुल गांधी ने किया पलटवार
राहुल गांधी ने कहा, “हमें हॉस्टल के अंदर नहीं जाने दिया गया, शायद इसलिए क्योंकि वहां की हालत बहुत खराब थी। मैंने जाति जनगणना और आरक्षण पर बात की, तो मेरे खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया। मेरे ऊपर 30-32 केस दर्ज हैं, ये सब मेरे लिए मेडल हैं, तमगे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार जातिगत जनगणना और निजी विश्वविद्यालयों में आरक्षण की मांग से घबराई हुई है। उन्होंने 50% आरक्षण की सीमा को तोड़ने की वकालत करते हुए वंचित तबकों को न्याय दिलाने की मांग की।
शादाब अख्तर का तीखा बयान
एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव शादाब अख्तर ने एफआईआर की प्रति साझा करते हुए कहा “तानाशाही सत्ता अगर गोली भी चलाए, तो हम सीना चौड़ा कर खड़े रहेंगे। राहुल गांधी जी हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर खड़े हैं। एफआईआर से न डरेंगे, न पीछे हटेंगे।”
प्रशासन की सफाई
प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कार्यक्रम के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी और बीएनएस की धारा 163 के अंतर्गत लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में भीड़ जुटाई गई, जो कानूनन अपराध है।
राजनीतिक माहौल गरमाया
इस घटना के बाद राज्य की सियासत में गर्मी आ गई है। कांग्रेस समर्थकों ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया है, वहीं प्रशासन का कहना है कि कानून व्यवस्था के तहत कार्रवाई की गई है।