इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता जे. नंदकुमार ने एक विवादित बयान देकर सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को जम्मू-कश्मीर में हालिया अस्थिरता और पहलगाम हमले के लिए अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार ठहराया है। उनका यह बयान तिरुवनंतपुरम में आयोजित ‘अनंतपुरी हिंदू महा सम्मेलन’ में सामने आया।
नंदकुमार ने अपने भाषण में कहा, “सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते केंद्र सरकार को जल्दबाज़ी में चुनाव कराने पड़े, जिससे हालात पूरी तरह सामान्य होने से पहले ही एक ऐसी सरकार सत्ता में आई जिसने आतंकियों को समर्थन और पहुँच दी।”
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम सिस्टम पर भी कटाक्ष करते हुए न्यायधीशों को “कॉलेजियम लॉर्ड्स” और “कॉलेजियम सम्राट” कहा। नंदकुमार ने दावा किया कि जज अपने बच्चों, रिश्तेदारों और घरेलू नौकरों को भी जज नियुक्त कराने के लिए संस्था बना चुके हैं।
बयान में यह भी कहा गया कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई से डर नहीं लगता, “अगर मैं इस बयान के लिए दंडित होता हूँ तो भी कोई बात नहीं, लेकिन सवाल यह है कि क्या खुद सुप्रीम कोर्ट की भूमिका संदिग्ध नहीं है?”
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को जमीनी हकीकत से कटे हुए बताते हुए कहा कि, “क्या कश्मीर की स्थिति को दिल्ली के एसी कमरों में बैठने वाले जज बेहतर समझ सकते हैं, या ज़मीन पर तैनात सेना और सुरक्षाकर्मी?”
इस बयान के बाद विपक्षी दलों और कानूनी हलकों से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कई विशेषज्ञों ने इसे न्यायपालिका की गरिमा पर हमला बताया है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति बेहद संवेदनशील बनी हुई है और केंद्र सरकार तथा सुरक्षा एजेंसियां हालात को नियंत्रण में लाने की कोशिशों में लगी हैं।