इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
राजस्थान के अलवर जिले के केसरोली गांव निवासी साहिल का 28 फरवरी को अपहरण कर लिया गया। हथियारबंद चार व्यक्तियों ने उसे जबरन गाड़ी में बैठाया और बंधक बना लिया। अपहरणकर्ता साहिल को राजस्थान के भरतपुर और उत्तर प्रदेश के मथुरा समेत कई शहरों में ले गए, जहां उसके साथ मारपीट की गई। आगरा यमुना एक्सप्रेस-वे पर उसे पूरी रात बंधक बनाकर रखा गया और 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। मोलभाव के बाद 4 लाख रुपये लेकर साहिल को रिहा किया गया।
जांच में खुलासा हुआ कि इस अपहरण में उत्तर प्रदेश के जालौन जिले की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) के चार सिपाही शामिल थे। बिना अनुमति के राजस्थान जाने और अपहरण में शामिल होने के आरोप में जालौन के पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने सिपाही निरंजन यादव, इंश्फाक खान, मनोज कुमार और बृजेंद्र भदौरिया को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की है।
अलवर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जांच में बहाला गांव के सरपंच कल्लू और एक अन्य व्यक्ति के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों के नाम सामने आए। पुलिस ने सरपंच कल्लू समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि अन्य आरोपी फरार हैं।
इस घटना ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, जहां कानून के रक्षक ही कानून तोड़ने में शामिल पाए गए। विभागीय जांच जारी है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद है।