इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
लखनऊ विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी और भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों को लेकर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
डॉ. काकोटी, जिन्हें सोशल मीडिया पर ‘डॉ. मेड्यूसा’ के नाम से जाना जाता है, ने एक वीडियो पोस्ट में कहा था कि किसी व्यक्ति को मारने से पहले धर्म पूछना, लिंचिंग करना, नौकरी से निकालना, मकान से बेदखल करना और घरों को बुलडोज़र से गिराना भी आतंकवाद है। उनकी इस टिप्पणी को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य जतिन शुक्ला ने हसनगंज पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने डॉ. काकोटी के खिलाफ देशद्रोह और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया। लखनऊ विश्वविद्यालय ने भी छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद उन्हें शो-कॉज़ नोटिस जारी किया है
वहीं, लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ भी पहलगाम हमले पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने के आरोप में हजरतगंज पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता अभय प्रताप सिंह ने आरोप लगाया है कि राठौर की पोस्ट से राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचा और एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ भड़काने की कोशिश की गई। राठौर ने अपनी पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा था कि आतंकवादी हमले सरकार की नाकामी हैं और सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार से सवाल करना देशद्रोह नहीं है
इन दोनों मामलों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सोशल मीडिया की भूमिका और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने के अधिकार को लेकर बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामलों से लोकतंत्र में आलोचना की स्वतंत्रता पर खतरा उत्पन्न हो सकता है।