शिमला की संजौली मस्जिद को नगर निगम की अदालत ने बताया अवैध निर्माण, मुस्लिम समुदाय में नाराज़गी

इंसाफ़ टाइम्स डेस्क

शिमला के बहुचर्चित संजौली मस्जिद मामले में बड़ा फ़ैसला सामने आया है। नगर निगम की अदालत ने इस मस्जिद को अवैध निर्माण घोषित करते हुए अपना अंतिम निर्णय सुना दिया है। इस फैसले के बाद मुस्लिम समुदाय में गहरी नाराज़गी और चिंता देखी जा रही है।

नगर निगम द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ों और तथ्यों के आधार पर अदालत ने मस्जिद के निर्माण को बिना वैध स्वीकृति के बना हुआ पाया। अदालत के इस फैसले ने मस्जिद के भविष्य को संकट में डाल दिया है।

स्थानीय मुस्लिम नेताओं और संगठनों ने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे धार्मिक पहचान पर हमला बताया है। उनका कहना है कि यह मस्जिद वर्षों से अस्तित्व में है और इसे अवैध ठहराना मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव है।

संजौली मस्जिद विवाद क्या है?

संजौली इलाके में स्थित यह मस्जिद लंबे समय से चर्चा में रही है। कुछ स्थानीय लोगों और संगठनों ने इसे अवैध निर्माण बताते हुए शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद नगर निगम की ओर से कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई थी।

Ψअब आगे क्या?

मस्जिद प्रबंधन समिति ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करने का संकेत दिया है। उनका कहना है कि वे अपने धार्मिक स्थल की रक्षा के लिए हर कानूनी विकल्प अपनाएंगे।

इस मामले ने शिमला की शांत सामाजिक संरचना को झकझोर दिया है। धार्मिक संगठनों और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से संवेदनशीलता के साथ काम करने की अपील की है।

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