इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
देश की चर्चित स्वतंत्र मीडिया वेबसाइट ‘द वायर’ को शुक्रवार को इंटरनेट सेवा प्रदाताओं द्वारा ब्लॉक कर दिया गया है। वेबसाइट ने बयान जारी कर दावा किया है कि यह कदम इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेश के तहत उठाया गया है।
द वायर ने इस कार्रवाई को ‘स्पष्ट रूप से प्रेस की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन’ बताते हुए इसे ‘मनमाना और अव्याख्येय’ करार दिया है। पोर्टल ने कहा है कि वह इस ‘सेंसरशिप’ के खिलाफ आवश्यक कानूनी कदम उठाएगा।
द वायर के बयान में कहा गया है “हम इस खुले सेंसरशिप का विरोध करते हैं, विशेष रूप से ऐसे समय में जब देश को ईमानदार, निष्पक्ष और विवेकपूर्ण आवाजों की सबसे अधिक आवश्यकता है। पिछले 10 वर्षों से हमारे पाठकों का समर्थन हमारी ताकत रहा है और हमें भरोसा है कि इस मुश्किल घड़ी में भी आप हमारे साथ खड़े रहेंगे।”
हालांकि, दिल्ली जैसे कुछ क्षेत्रों में शुक्रवार को वेबसाइट सामान्य रूप से खुल रही थी, जबकि देश के अन्य हिस्सों में पाठकों ने वेबसाइट के न खुलने की शिकायत की है। इस विषय पर सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
यह घटनाक्रम भारत-पाक तनाव के बीच सामने आया है जब बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था और सेंसरशिप जैसे मुद्दे लगातार चर्चा में हैं। सवाल यह है कि क्या सरकार दबाव में आकर आलोचनात्मक और स्वतंत्र मीडिया संस्थानों पर शिकंजा कस रही है?