इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग स्थित लक्कड़ शाह की दरगाह पर इस वर्ष वार्षिक उर्स मेले पर वन विभाग ने प्रतिबंध लगा दिया है। यह मेला सदियों से हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता रहा है, लेकिन प्रशासनिक कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया है।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, लक्कड़ शाह की दरगाह मुर्तिहा रेंज के कोर जोन में स्थित है। इस क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए भारी भीड़-भाड़ की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस कारण पिछले चार वर्षों से यहां उर्स मेले पर रोक लगाई गई है। इस बार भी सुरक्षा कारणों और अतिक्रमण के आरोपों के चलते मेला आयोजित नहीं किया गया।
लक्कड़ शाह की दरगाह पर उर्स मेले में हर वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते थे। इस बार मेला न लगने से स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में नाराज़गी देखी जा रही है। दरगाह प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रईस अहमद ने कहा कि यह मेला गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक था, और इस पर रोक लगाना समुदायों के बीच सौहार्द्र को प्रभावित कर सकता है।
प्रशासन का कहना है कि यह कदम कानून-व्यवस्था और पर्यावरणीय कारणों से उठाया गया है। अधिकारियों के अनुसार, इस क्षेत्र में भारी भीड़ से वन्यजीवों की सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, प्रशासन ने यह भी कहा है कि भविष्य में स्थिति के अनुसार इस पर विचार किया जाएगा