इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
देशभर में वक़्फ़ संपत्तियों से जुड़ी चिंताओं के बीच इमारत ए शरिया, फुलवारी शरीफ़ ने एक बड़ा एलान करते हुए 29 जून को पटना के गांधी मैदान में वक़्फ़ संशोधन एक्ट के खिलाफ़ एहतजाजी आंदोलन का ऐलान किया है। इस आंदोलन में प्रदेश और देशभर से बड़ी संख्या में मुस्लिम उलेमा, सामाजिक कार्यकर्ता, धार्मिक संगठनों और लाखों आम नागरिकों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है।
इमारत ए शरिया के जिम्मेदारों ने इमारतें शरीया में आयोजित उलमा व बुद्धिजीवियों की मीटिंग में ये ऐलान किया और कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वक़्फ़ संपत्तियों से जुड़े अधिकारों में कटौती करने वाले संशोधन ‘मुस्लिम समाज के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों पर सीधा हमला’ हैं। उन्होंने कहा कि वक़्फ़ संपत्तियाँ मुस्लिम समाज की धार्मिक और सामाजिक धरोहर हैं, जिनकी हिफ़ाज़त करना हर मुसलमान की ज़िम्मेदारी है।
इस आंदोलन का उद्देश्य वक़्फ़ बोर्ड के अधिकारों की रक्षा, वक़्फ़ संपत्तियों की हिफाज़त और केंद्र सरकार द्वारा लाए गए संशोधनों की वापसी की मांग करना है।
इमारत ए शरिया ने सभी मुस्लिम संगठनों, मस्जिदों के इमामों, मदरसों और आम लोगों से अपील की है कि वे 29 जून को गांधी मैदान में जुटकर अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करें और एकजुटता का प्रदर्शन करें।
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा लाया गया वक़्फ़ संशोधन एक्ट वक़्फ़ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करने और वक़्फ़ संपत्तियों की निगरानी में सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ावा देने वाला माना जा रहा है। इस एक्ट के ज़रिए वक़्फ़ संपत्तियों की रजिस्ट्री और स्वामित्व से जुड़े कई अधिकार सीमित किए जा सकते हैं, जिससे मुस्लिम समाज में गहरी नाराज़गी है।
इस मुद्दे पर कई मुस्लिम और सेक्युलर दलों के नेताओं ने इमारत ए शरिया के इस कदम का समर्थन किया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार संगठनों ने भी इस एक्ट को ‘धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ़’ बताया है और 29 जून के आंदोलन में सहयोग का भरोसा जताया है।